गुरुवार 13 फ़रवरी 2025 - 07:13
महदी ए मौऊद होने का झूठे दावेदारों को कैसे पहचानें

हौज़ा/ इमाम महदी (अ.ज.) से संपर्क का दावा करने वाले लोग हर धर्म में पाये जाते हैं। ये लोग अपने सपनों और ख्वाबों पर आधारित होते हैं, विद्वानो का विरोध करते हैं और बुराई को बढ़ावा देते हैं, ताकि वे लोगों को धोखा दे सकें। इन झूठे दावेदारों के जाल से बचने का तरीका, उनके सामान्य लक्षणों को पहचानना और सही धर्मगुरुओं की ओर रुझान करना है, जो किताब, हदीस, इजमाअ और अक्ल पर आधारित होकर सही रास्ता दिखाते हैं। यह मुद्दा ग़ैबत के समय में हक़ीक़ी मुंतज़ेरीन की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में से है, ताकि वे सतर्क होकर सही रास्ता पहचान सकें।

झूठे मसीह के दावेदारों से बचने का तरीका

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, हजरत वलीअस्र (अ.ज.) के जन्मदिन के अवसर पर महदीवाद के विशेषज्ञ हुज्जतुल इस्लाम वल मुसलेमीन मोहम्मद रेजा फुआदियान ने एक विशेष इंटरव्यू में महदीवाद से जुड़ी शंका और सवालों के बारे में बात की।

सवाल:
कई लोगों के इमाम महदी (अ.ज.) से संपर्क का दावा करने वाले झूठे आरोपों के सामने हम सही और गलत को कैसे पहचान सकते हैं?

जवाब:
यह घटना सिर्फ शियो तक सीमित नहीं है, बल्कि दूसरे धर्मों और संप्रदायों में भी झूठे दावेदार पाए जाते हैं।

* महदीवाद से संबंधित झूठे दावेदार
सुन्नीयो में भी कुछ लोग महदवीय्यत का दावा करते रहे हैं। हालिया घटनाओं में, हमने देखा कि कुछ लोगों ने झूठा दावा किया "महदी सूडानी" जो यह दिखाता है कि यह समस्या सिर्फ शियो में ही नहीं है, बल्कि अन्य धर्मों में भी मौजूद है।

ईसाई धर्म में भी इसी तरह के झूठे दावों का इतिहास रहा है। कई लोग यह दावा करते हैं कि वे मुंजी ए मसीहीयत या मसीह ए मौऊद हैं। आज भी रूस में एक व्यक्ति यह दावा करता है कि वह मसीह ए मौऊद है।

यहूदियों में भी ऐसा ही हुआ। "शबाताई ज़वी" नामक एक व्यक्ति ने यह दावा किया था कि वह यहूदियों का मसीह है और वह उन्हें वचन भूमि (पवित्र भूमि) तक ले जा सकता है। उसने लोगों को यह समझाकर घर और ज़मीन बेचने के लिए कहा और उसके साथ चलने के लिए उन्हें प्रेरित किया। उसने मूसा (अ.स.) के चमत्कार की नकल करते हुए, लोगों को नदी में भेजा और उनका धन लेकर उन्हें डूबो दिया।

यह घटना विशेष रूप से मसीहवाद और मुंजी मौऊद की उम्मीद से जुड़ी है, जिससे लोग ऐसे झूठे दावेदारों का शिकार हो जाते हैं।

* महदीवाद से जुड़े झूठे दावेदारों की पहचान के लिए मापदंड
महत्वपूर्ण सवाल यह है कि सही दावे और झूठे दावे के बीच कैसे अंतर किया जाए?

झूठे दावेदारों में आमतौर पर कुछ सामान्य लक्षण होते हैं:

  1. ये लोग सुदृढ़ आधार और तर्क से नहीं बोलते, बल्कि अधिकतर सपनों और ख्वाबों का हवाला देते हैं। हमें यह समझना चाहिए कि ख्वाब और सपने सत्य और असत्य के बीच का मापदंड नहीं हो सकते।

  2. ये दूसरों को अज्ञानी बताते हैं और लोगों को धर्मगुरुओं से दूर रहने की सलाह देते हैं।

  3. ये लोग धर्म को नष्ट करने वाले होते हैं, जैसे नमाज और खुम्स को छोड़ना, और लोगों को धर्म से दूर करके अधर्म की ओर प्रवृत्त करते हैं।

हदीसों के अनुसार, इस प्रकार के दावों के सामने हमारे लिए यह जरूरी है कि हम धार्मिक विद्वानो की ओर रुख करें।

धार्मिक विद्वान वह होते हैं जो किताब, हदीस, इज्माअ और अक्ल की मदद से इज्तिहाद करते हैं और धर्म का सही मार्गदर्शन करते हैं।

अगर हम देखते हैं कि कोई व्यक्ति धर्म के सिद्धांतों के खिलाफ जा रहा है, धर्मगुरुओं से विरोध कर रहा है, और उसकी बातें कमजोर और अवास्तविक हैं, जो सिर्फ ख्वाबों पर आधारित हैं, तो हमें यह समझना चाहिए कि हम झूठे दावेदारों के जाल में फंसने वाले हैं।

यह लक्षण हमें मदद करते हैं ताकि हम झूठे दावेदारों से बच सकें और सही रास्ता अपनाएं, जो धर्म के आदेशों का पालन करना और सही धर्मगुरुओं का अनुसरण करना है।

यह मामला खास महत्व रखता है, क्योंकि ग़ैबत के दौर में सही और गलत की पहचान करना और सही विश्वासों को बनाए रखना, हक़ीक़ी मुंतज़ेरीन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

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